भाजपा वंशवाद से अक्षुती पार्टी ?

: भाजपा वंशवाद से अक्षुती पार्टी ?
               कृब्ण देव सिंह
           भाजपा क्या वंशवाद से अछूती पार्टी है ?जब लोग इस मामले में अटल जी का उदाहरण देते हैं तो मुझे अरुण मिश्रा तभा करुणा शुक्ला की याद आ जाती है जो कि भाजपा से सांसद भी रहे/श्रीमती शुक्ला  भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनी । अरुण मिश्रा सांसद व मध्यप्रदेश में मंत्री रहे ' 'मुझे विजयाराजे सिंधिया जी की भी याद आती है जिनकी एक पुत्री राजस्थान में मुख्यमंत्री बनी तो एक पुत्री मध्यप्रदेश में मंत्री बनी । छत्तीसगढ़ की बात करूं तो  रमन सिंह ,लखीराम अग्रवाल और दिलीपसिंह जूदेव का परिवार याद आ जाता है । किसकी किसकी बात करूं ?कल्याण सिंह जी भी याद आ जाते है जो मुख्यमंत्री बने ,राज्यपाल बने उनका बेटा सांसद बना तो पोता यूपी में मंत्री बना ।ऐसे बहुत से उदाहरण मिल जाएंगे बल्लेबाज भी तो है इसी परम्परा में ।क्या क्या लिखूं पूरा पोथा बन जायेगा ।फिर भी भाजपा वंशवाद से अछूती पार्टी है ऐसा मान लेने में अपना क्या जाता है।भाजपा को तो मौसम  वैज्ञानिक रामबिलास पासवान जी की पार्टी में भी वंशवाद दिखाई नहीं देता है ।नवीन पटनायक जी कौन हैं बीजू पटनायक  जी के ही तो बेटे हैं।  नवीन पटनायकजी जो उड़ीसा के सी एम है,वेसे साहिब सिंह वर्मा जी के बेटे प्रवेश वर्मा , चारा घोटाला काण्ड के प्रमुख सुत्रघार जगन्नाथ मिश्रा जी के बेटे नीतीश मिश्रा,जी ,राजनाथ सिंह जी  के बेटे पंकज सिंहजी,  प्रेमकुमार घूमल जी के बेटे अनुराग ढाकुरजी , अश्वनी चौबे के बेटे शाश्वत चौबे ,सहयोगी दलो मे रामबिलास के कुनबे  लोक जन शक्ति पार्टी के अलावा अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल, बहू हरसिमरत कौर , अपना द्ल के सोनेलाल पटेल जी की बेटी सुप्रिया पटेल, दामाद आशीष सिंह, बालठाकरे जी के शिवसेना का कुनबा और न जाने कितने अनगिनत लोग इस महान परम्परा को आगे बढ़ा रहे है
       प्र१न किया जाता है कि भाजपा में कभी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर किसी एक परिवार का कब्जा कभी लगातार रहा क्या या अटल बिहारी के बाद करुणा शुक्ला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी या लालकृषण आडवाणी के बाद उनके बेटे या फिर मुरलीमनोहर जोशी के बाद उनके परिवार का कोई या वेंकैया नायडू के बाद उनका परिवार में कोई या राजनाथ सिंह के बाद उनके बेटे या बेटी या कहीं नितिन गड़करी के बाद उनका परिवार से या अमित साह के बाद भी उनके बेटे को कोई आसार नहीं दिखता I कांग्रेसपर आरोप लगाते है किं नेहरू जी की बेटी इंद्रा जी का बेटा राजीव जी की पत्नी सोनिया जी का बेटा राहुलजी अध्यक्ष बने यह भी प़चारित किया जाता है एक परिवार की पार्टी है कांग्रेस मतलब गांधी नेहरू परिवार ।
     अब ३न अक्ल के अन्धों को कौन समक्षाये की भाजपा का जन्मदाता और संचालन घोर दक्षिणपंथी गैर पंजीकृत संगठन राष्ट्रीय स्वंम सेवक संघ है । संघ के इच्छा के विस्द्ध भाजपा में एक पत्ता भी नही हिलता । अब संघ की सोच और कार्यप्रणाली व कार्य से सब अबगत हैा रही बात नेहरू परिवार के सदस्यों का कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बनने का तो पहली वात तो यह कि कांग्रेस पार्टी के अब तक कुल 17 अध्यक्ष बने है । ३नमें से मात्र पांच नेहरू गाँधी परिवार केअध्यक्ष रहें है तथा  नेहरू परिवार के लोग अलग = अलग कालखण्ड में अध्यक्ष पद को सुशोभित किया है। 
         भाजपा के नेता यह भूल जाते हैं कि ब्रीटिश शासनकाल में देश के सबसे बड़े बैरिस्टर मोतीलाल नेहरू, उनके पुत्र जबाहर लाल नेहरू, पुत्री विजया लक्ष्मी पंडित,, पुत्रबधु कमला नेहरु, पोती इन्दिरा गांधी सभी आजादी की लड़ाई में शामिल थीं। उनके परिवार में एक भी ऐसा सदस्य नहीं था जो आज़ादी की लड़ाई में शामिल नहीं था। इसके विपरित आर एस एस एवं हिन्दू महासभा जिससे ,जनसंघ, आज भाजपा ,का जन्म हुआ ह , आजादी की लड़ाई के विरोध में अंग्रेजों के साथ खड़ी थी। वही भाजपा कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाती है।वहा तो सन्घर्ष में सम्पूर्ण परिवार लगा था। नेहरू जी बाद शास्त्री जी प्रधानमंत्री हुए।शास्त्री जी के बाद मोरारजी भाई एवं जगजीवन राम जी ने इन्दिरा जी को प्रधानमंत्री बनाया।उन दिनों इन्दिरा जी की वह राजनीतिक हैसियत नहीं थी कि वह अपने बल बूते प्रधानमंत्री बन पाती। 
           फिर इन्दिरा युग आया। उन्हें कई बड़ी राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा किन्तु  देश के लिए गए उनके कार्यों एवं उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण जनता के समर्थन से सभी चुनौती में सफल रही। राजीव जी के मृत्यु के बाद लगभग १० बर्षो तक सोनिया गांधी एवं नेहरू परिवार राजनीति से बाहर रहा। नरसिंह राव देश के प्रधानमंत्री रहे। कांग्रेस के बुरा दिन आने के बाद कांग्रेसियों के काफ़ी मान-मनौव्वल के बाद सोनिया गांधी ने कांग्रेस का नेतृत्व लिया और उसे सत्ता तक पहुंचाया किन्तु लाख दबाव के बावजूद प्रधानमंत्री की गद्दी स्वीकार नहीं किया थातथा माननीय मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया। भाजपाई चाहे जितना चिल्लाले , यही है नेहरू परिवार का परिवारवाद। कांग्रेस  भाजपा नहीं है जहां आडवाणी जैसे पार्टी को खड़ा करने बाले नेता को अपमानित किया गया।कांग्रेस में आज भी गंभीरता है। आजादी के बाद आज देश जहां खडा है, इस देश की जो भी नीतियां, शासन व्यवस्था , संस्थाये बनी है वह कांग्रेस की देन। भाजपा सहित सभी बिरोधी पार्टियों की सरकार, कांग्रेस की बनाई उसी नीति पर कार्य करतीं रही है(बुघवार समाचार)दिनांक6जुलाई2019