tछापामार कार्यवाही में खुले आम  संवैधानिक  प्रावधानों का उल्लघंन:मोहन मरकाम

छापामार कार्यवाही में खुले आम  संवैधानिक 
प्रावधानों का उल्लघंन:मोहन मरकाम


*बुघवार समाचार
रायपुर ४मार्च२०२०.रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह के पनामा घोटाला में जांच तक नहीं करने वाली केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को भ्रष्टाचार की जांच से बचाने के लिये की कार्यवाही. की है तभा
रमन सरकार के भ्रष्टाचार में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने किया भ्रष्टाचार की जांच से सहयोगियों को बचाने केन्द्रीय ऐंजेन्सियों का दुरूपयोग किया है।यह आरोप छ्त्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व विधायक मोहन मरकाम न प्रेस विज्ञाप्ती जारी कर लगाया है।
       छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में उठाए गए मुद्दों का पुरजोर समर्थन करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा हैं कि 15 साल के रमन शासन काल में हुये हजारों करोड़ के घोटालों में भ्रष्टाचार में आरएसएस और भाजपा सहयोगी रहे है। भ्रष्टाचार की जांच से इनको बचाने के लिए मोदी सरकार ने केन्द्रीय ऐंजेन्सियों का दुरूपयोग किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के द्वारा रमन सरकार की भ्रष्टाचार कमीशनखोरी, घोटाला की जांच करायी जा रही है और जांच के दायरे में आरएसएस और भाजपा के अनेक बड़े नेता आ रहे है। रमन सरकार की  काली करतूतों की जांच को प्रभावित करने के लिए यह कार्यवाही की गई।  केंद्रीय एजेंसियों ने संविधानिक व्यवस्थाओं को तार-तार कर मनमानी की है। रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह के पनामा घोटाला में जांच तक नहीं करने वाली केन्द्र सरकार ने भाजपा नेताओं को भ्रष्टाचार की जांच से बचाने के लिए छापों की कार्यवाही की है। पनामा पेपर में पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे पूर्व सांसद अभिषेक सिंह का नाम आया। पिता का नाम था, पता भी था, लेकिन मोदी जी ने जांच नहीं की क्योंकि इडी सीबीआई और डीआरआई मोदी जी की गठबंधन सहयोगी बन चुके है और अब दंगा और सीमा पर सुरक्षा करने के लिए जिस ब्त्च्थ् को उतारा जाता उसे भी जबरन गठबंधन सहयोगी मोदी जी ने बना लिया। राज्य में आयकर विभाग द्वारा सीआरपीएफ को साथ लेकर कार्रवाई की गई सीधे-सीधे बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए भारत के संविधान के संघीय ढांचे के प्रावधानों को चोट पहुंचाती। केंद्र राज्य संबंधों  के बारे में संविधान सभा में डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर द्वारा बहुत स्पष्ट रूप से राज्य और केन्द्र सरकार की सीमाओं सहित पूरी जानकारी दे दी गई। आज इस मामले में खुलेआम संवैधानिक प्रावधानों की निहित राजनैतिक स्वार्थों के चलते अनदेखी की गई है।
       श्रीबघेल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखे गए पत्रों में केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए राजनीति प्रेरित बताए जाने का पुरजोर समर्थन करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि संविधान निर्माताओं ने संविधान के संघीय ढांचे का प्रावधान बहुत सोच-समझकर किया था। स्वयं मोदी जी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए बार-बार इन प्रावधानों का जिक्र किया था। राज्य में कानून व्यवस्था का दायित्व राज्य सरकार का होता है। केंद्रीय बल बगैर राज्य सरकार की सहमति अनुमति किसी भी राज्य में तैनात नहीं किए जा सकते। जबकि छत्तीसगढ़ के मामले में यही हुआ है। इस पूरे मामले में न तो राज्य सरकार को कोई सूचना दी गई और ना ही स्थानीय प्रशासन पुलिस को विश्वास में लिया गया केंद्रीय एजेंसियों द्वारा छत्तीसगढ़ में संघीय ढांचे के प्रधानों को चोट पहुंचाने वाली कार्रवाई की गई है। 
   सीआरपीएफ की मौजूदगी में राजनैतिक उद्देश्यों से कराई गई छापेमारी की कार्रवाई पर अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि जांच को लेकर नहीं जांच के तरीके पर छत्तीसगढ़ लोगो को कड़ा एतराज है। बहुत ही दुर्भाग्य जनक है कि जिस समय पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा किये भयानक भ्रष्टाचार पर आपराधिक जांच चल रही है ठीक उसी समय केन्द्रीय पुलिस बलों को साथ लेकर आयकर विभाग की यह कार्रवाई की गई। रमन सिंह जी के बेटे अभिषेक सिंह के पनामा पेपर के उजागर हुए मामलों में छापे तो दूर केंद्र की भाजपा सरकार जांच तक नहीं कराई गयी। जिस तरह की कार्रवाई की गई है लेकिन लोकल पुलिस को सूचना नहीं दी गई सरकार को विश्वास में नहीं लिया गया। यह संघीय सहयोग नहीं केंद्रीय जबर्दस्ती है। छत्तीसगढ़ के ईमानदार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और ईमानदार सरकार को परेशान करने की साजिश का काग्रेस पार्टी कड़ा विरोध करती है। केंद्र सरकार राजनीति दुर्भावना से छत्तीसगढ़ में आयकर के छापे रही है, लेकिन भाजपा के शासनकाल में जो भ्रष्टाचार और घोटाले हुए हैं उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह खामोश क्यों रहे? 36000 करोड़ रू. के नान घोटाले से लेकर पनामा पेपर्स जिनमें पूर्व रमन सिंह के बेटे अभिषेक का नाम है उस पर अब तक केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है।
*बुघवार बहुमाघ्यम समुह