भूपेश बघेल ने मांगी क्षीरमघाटी नरसंहार की केस डायरी

भूपेश बघेल ने मांगी क्षीरमघाटी नरसंहार की केस डायरी
    बुघवार मल्टीमीडिया नेटवर्क
   रायपुर 29जनवरी2020.छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश वघेल ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से क्षीरमकांड की केस डायरी केन्द्रीय जांच ऐजेन्सी  एनआईए से मांगकर अपनी मंशा फिर स्पष्ट कर दी है। वे कल नवा रायपुर में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में बोल रहे थे i बैठक में मध्य प्रदे१ा के मख्यमंत्री कमलनाथ,उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सहित संबंधित राञ्यों के मंत्री,मुख्यसचिव तथा केन्द्र व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे । तीन घंटे से अधिक चले  झ्स वैठक की अध्यक्षता स्वंम  केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर रहे थे।
      श्री वघेल ने अपने संम्बोधन में नक्सलवाद सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाते हुए केन्द्र के समक्ष राज्यो के हितों से जुड़ी मांगें भी रखी।चार राज्यों की परिषद की इस बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा कि केन्द्र सरकार सभी राज्यों के साथ बेहतर तालमेल के साथ काम करना चाहती है।राज्यों  के विकास के लिए जो भी मदद जरूरी ह्रै,केन्द्र मदद करने को तैयार है।बैठक में विभिन्न अंतर्राज्यीय बिषयों समेत छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण  विषयों पर चर्चा की गई।श्री बघेल ने क्षीरमघाटी नरसंहारकी जांच छत्तीसगढ़ की जांच एजेंसी को सौपने की जोरदार शब्दों में मांग की ।उन्होंने कहा कि एनआइए ने कईमहत्व पूर्ण बिन्दुओं की अनदेखी की है।सीएए को लेकर इंन दिनों पुरे देश में चल रहे टकराव कोदेखते हुए झ्स.बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
     .भूपेश वघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हुई क्षीरमघाटी की घटना को लेकर एनआईए की कार्यप्रणाली से कुछ असमजस की स्थिति बनी है,जिसका समाधान नीति संगत रन्प से आवश्यक प्रतीत होता हैा राज्य सरकार द्वारा प्रकरण की डायरी एनआईए को सौंपी गई थी।एनआईए ने अपनी जांच पूरी कर ली तथा प्रकरण सामाप्त कर दिया।छत्तीसगढ़ सरकार को झ्स प्रकरण के कुछ अन्य तथ्यों की जांच हेतु डायरी की आवश्यकता है ,इसके लिएतीन बार एनआईए सेअनुरोध किया जा चुका है। 3न्होंने एनआईए को झ्स सम्बन्ध में निर्देश देने की मांग की,लेकिन केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मुददे पर को३ि जबाब नहीं दिया।
       मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का सुक्षाव था कि केन्द्र से राज्यों के मिलने वाले हिस्से केन्द्रांश को42सेबढ़ाकर.50%किया जाए। उन्होंने जीएसटी क्षतिपूर्ति के आंकलन और भुगतान में हो रही देरी को लेकर भी मुद्दा उठाया ।
*बुघवार मल्टीमीडिया नेटवर्क