स्ट्राइकर
जाति और लिंग भारतीय समाज का अनिवार्य नियामक है जिसके कारण भले ही क्रान्तियां बेबस होती हो लेकिन बदलाव लाना हो तो जाति व लिंग की उपेक्षा नहीं की जा सकती:केड़ी
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जाति और लिंग भारतीय समाज का अनिवार्य नियामक है जिसके कारण भले ही क्रान्तियां बेबस होती हो लेकिन बदलाव लाना हो तो जाति व लिंग की उपेक्षा नहीं की जा सकती:केड़ी