आयकर के छापों को लेकर आक्रांमक हुए भूपेश बधेल

आयकर के छापों को लेकर आक्रांमक हुए भूपेश बधेल


कृब्ण देव सिंह
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल आक्रामक शैली के राजनेता है और यही शैली उनकी विषिष्ठता प्रदान करने लगी है क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राजनीनिक और संगठनात्मक कार्यप्रणाली मध्यमार्गी है ।सामान्यतः आंक्रमता को वागी तेवर वाला नेता वताकर उसके पर कतरने का षड़यंत्र घुटे- पिटे अंगद पैर की तरह जमे रहने में महारथ ररवने वाले तभाकथित खुर्राट घुरंघर लोग करने लगते हैं जिसकी चपेट में श्री बघेल को भी लेने का प्रयास केन्द्रीय आयकर विभाग का छापा दल के माध्यम से करने का कार्य किया गया ।लोकिनअब तक के प्रप्त  छापामारी में कुछ हासिल नही होने के कारण मुख्यमंत्री भुपेश वघेल अपनी चिर परचित शैली में वेहद आक्रामक मुद्रा अपना लिया है ।जिसके कारण छापेमारी से जुड़े विभागों ,भाजपा के नेताओं तभा छापों को लेकर अपुष्ट ब अतिरंजित समाचारों के प्रकाशक बगले क्षाकने के लिए विवश हो गये हैं।
       मुख्यमत्री भूपेश बधेल ने बिलासपुर में वेहद तल्ख लहजो में प्रश्न किया कि आयकर छापे में पूर्व मुख्यमंत्री डा० रमन सिंह,नेता प्रतिपक्ष घरमलाल कौशिक और सांसद रामविचार नेताम से पूछकर छापेमारी की थी?क्या आईटी वाले इन्हें छापे की रिपोर्ट दे रहे थे? मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी छापे के बारे में राज्य सरकार और जिले के एसपी को सूचना तक नहीं दी गई और अधिकारी - कर्मचारियों के यहां छापेमारी कर दी गई।छापे के वाद प्रेस नोट जारी किया जाता है कि किसके पास कितनी संपात्ति पाई गई,लेकिनआईटी ने तो प्रेस नोट तक जारी नहीं किया। यह पहला मामला है जिसमें कार्रवाही के बाद प्रेस नोट तक जारी नहीं किया गया। 
        श्री बधेल ने आयकर छापे को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि किसी के यंहा तीन लारव,किसी के पास पन्द्रह लारव,किसी के यहाँ 60हजार,तो किसी के यहां 26हजार स्पये पाया गया।झ्सके बाद भी मीडिया में खबरें आई किकरोड़ों स्पये मिले हैं। रायपुर मेयर के यहां भी छापा मारा गया और यहां 4लारव मिला।एक पूर्व पार्षद के घर भी छापा मारा गया लेकिन वहां सिर्फ1800 रूपए मिले।इसके पहले भी छत्तीसगढ़ में पडे आयकर छापों पर कांग्रेस पार्टी और छ्त्तीसगढ़ सरकार दोनों ने केन्द्र सरकार से जमकर विरोध जाहिर किया है कि एक केन्द्रीय सुरक्षा बल,सीआरपीएफ को साथ लेकर ये छापे डाले गये जो.संघीय व्यवस्था के खिलाफ है ।
      आयकर छापों  का दौर खत्म हो जाने के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार और कांग्रेस पार्टी राहत महसुस कर रही है क्योंकि छापों में जो नगदी बरामद हुई है,वह बड़ी - बड़ी चर्चाओं में रहने वाले घोषित रसुखदार नामचीन लोगोंकी बेइज्जती खराब कर रहीहै ।कांग्रेस का यह कहना कि गुरूचरण होरा के घर औरदफ्तरमें एक करोड़ रूपये से अधिक रकम मिली है और वह भाजपा का सदस्य है। अब ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बधेल ने चुटकी लेते हुए कटाक्ष किया कि आयकर विभाग को अपना विशेष विमान का खर्च निकालने के लिए भाजपा के लोगों पर ही छापा डालना चाहिए।
   एक अन्य घटनाक्रम में जो खबरे निकलकर बाहर आई ,वह बहुत दिलचस्प है।बडे अखबारों की जनसम्पर्क विभाग व अन्य प्रकार से चाकरी में लगी सरकार व उनके करिन्दों द्वारा चयनित रसुखदार सम्पादको को  मुख्यमंत्री भूपेश बधेल ने बजट की शाम नास्ते पर बुलाया था।मुख्यमंत्री पुरे जोश में थे।दूसरी तरफ नामचीन सम्पादकों /  घोषित प्रतिष्ठित पत्रकारों के चेहरों पर क्षेंप भी क्योंकि पिछले सप्ताह  भर  आयकर की छापों  को लेकर आई अतिरंजित खबरों के गब्बारे की हवा निकल गई चुकी थी।हलांकि मुख्यमंत्री इस नौबत का आन्नद ले रहे थे तथा अपने स्वभाव के इतर उन्होंने को३ि जुबानी हिसाब - किताब चुकता नहीं किया।वहां से निकलने के वाद रसुखदार मीडियाकर्मियों ने बड़ी राहत की सांस ली ।ऐसे में सरकार के करीबी कहे ,माने और समक्षे जाने वाले इन लोगों के वारे में प्रकाशितऔर प्रसारित गलत जानकारी और अटकलों ने मीडिया और मीडिया मैनेजरों की कमजोरी तो उजागर हो ही गई न।?
*बुघवार बहुमाध्यम समुह