मिनीमाता* (13 मार्च 1913 -11 अगस्त 1972

*मिनीमाता*
(13 मार्च 1913 -11 अगस्त 1972)


मिनीमाता का मूल नाम मीनाक्षी देवी था। उनका जन्म 13 मार्च 1913 को  (कुछ उनका जनम 15 मार्च भी बताते हैं)असम राज्य के दौलगांव में हुआ।उनका विवाह बाबा घासीदास जी के वंशज गुरू अगमदास से हुआ। विवाह होने के बाद वे छत्तीसगढ़ आ गईं  और उन्होंने अपनी कर्मभूमि छत्तीसगढ़ को बनाया। गुरू अगमदास जी महान देशभक्त थे। मिनीमाता ने उनकी प्रेरणा से स्वाधीनता आंदोलन, समाजसुधार और मानव उत्थान कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
 स्वतंत्रता पश्चात मिनीमाता  1952 से  1971 तक सांसद के रूप में लोकसभा की सदस्य रहीं। उन्होंने लगातार चार बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया। 
मिनीमाता राजनीतिक सक्रियता के साथ ही समाज उत्थान के लिए भी लगातार कार्य करती रहीं।  मिनीमाता ने संसद में अस्पृश्यता विधेयक को पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई साथ ही  समाज के लोगों व पीडितों को अधिकार दिलाने  हेतु संसद में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही ।
मिनीमाता का देश के शीर्षस्थ राजनायिकों जिनमें प्रमुखतः प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, पंडि़त जवाहर लाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, पंडि़त रविशंकर शुक्ल सहित अनेक राजनायिकों से आत्मीय संबंध रहे।
11अगस्त 1972 को विमान हादसे में उनकी मृत्यु हुई।


दुनिया भर की विभूतियों को याद किए जाने के बीच छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनीमाता को भी याद किया जाना ज़रूरी है।
*वुुधवार बहुमाघ्यम समुह