पत्रकारिता विश्वविद्यालय भी हंगामा के हवाले

पत्रकारिता विश्वविद्यालय भी हंगामा के हवाले


 रायपुर, 5 मार्च 2020.जेएनयू की तरह ही अब छत्तीसगढ़ में भी हंगामें देरवने को मिलने लगी है जिसकी शुभारंम्म आज हो गई। राजभवन और राज्य सरकार की तनातनी के बीच ज्वाईन करने पहुंचे कुशाभाउ पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नए कुलपति बलदेव शर्मा को आज ज्वाईन करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। एनएसयूआई के कड़े विरोध और प्रदर्शन के चलते कुलपति अपने कक्ष में भी नहीं घुस पाए। एनएसयूआई नारे लगाती रही…संघी कुलपति वापिस जाओ। आलम ये हुआ कि उन्हें कवर देने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को पहुंचना पडा।इसी के साथ श्री शर्मा की विवादास्पद नियूक्ति में एक और नया अध्याय जुड़ गया है।


 
ज्ञातव्य है,कुशाभाऊढाकरे पत्रकारिता विवि के कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और राज्य सरकार में टकराव के हालात निर्मित हो गए हैं। राज्यपाल अनसुईया उइके द्वारा बलदेव शर्मा को नया राज्यपाल अपाइंट किया गया है। उधर,जानकारी एक जानकारी के राज्य सरकार ने कुलपति के लिए जो पोस्ट विज्ञापित हुआ था, उसे ही निरस्त कर दिया है। सरकार ने अगर विज्ञापन ही निरस्त कर दिया तो जाहिर है, कुलपति की नियुक्ति ही सवालों के घेरे में आ गई है।पता चला है कि पुरे मामले को उच्च न्यायलय में चुनौती देने की भी तैयारी कर ली गई है। जाहिर है विवाद दिनोंदिन गहराता जा रहा है।
 , इन विवादों के बीच नए कुलपति आज सुबह ज्वाईन करने विश्वविद्यालय पहुंचे। उनके पहुंचने से पहले ही एनएसयूआई ने उनके चेम्बर के सामने डेरा जमा लिया था। कुलपति वहां पहुंचे तो उग्र प्रदर्शन शुरू हो गया। उन्होंने अपने चेम्बर में घुसने का काफी प्रयास किया लेकिन, वे सफल नहीं हो पाए।विवि की स्थिति देखकर कुलपति राजभवन चले गए। बताते हैं, उन्होंने इस बारे में राज्यपाल से मदद मांगी। उन्होंने आग्रह किया कि राजभवन सचिवालय में उनकी ज्वाईनिंग ले ली जाए। राज्यपाल ने अफसरों को निर्देशित भी किया। लेकिन, अफसरों ने उन्हें बताया कि यह नियमानुकूल नहीं होगा। बलदेव शर्मा जब राजभवन सचिवालय पहुंचे तो उस समय राजभवन के सचिव सोनमणि बोरा विधानसभा में थे। सचिवालय के अफसरों ने उन्हें फोन करके इस बारे में पूछा। बोरा ने कहा कि कुलपति को विश्वविद्यालय में ही जाकर ज्वाईनिंग करनी चाहिए।
       .राजभवन सचिवालय के इंकार के बाद बलदेव शर्मा दोपहर बाद फिर विश्वविद्यालय पहुंचे।तो वहाँ की नजारा ही अलग था। एनएसयूआई का प्रदर्शन तब भी जारी था। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस भी पहुंच गई थी। एनएसयूआई के जवाब में नए कुलपति को कवर देने बड़ी संख्या मेंं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी विवि कैंम्पस पहुंच गए। इसके बाद दोनों ओर से प्रदर्शन शुरू हो गया।कुलपति चेम्बर के गेट से एनएसयूआई कार्यकर्ता हटने के लिए तैयार नहीं थे। लिहाजा, कुलपति रजिस्ट्रार के चेम्बर में चले गए। एबीवीपी कार्यकर्ता भी कुलपति को कवर देने के लिए रजिस्ट्रार आफिस के गेट पर बैठ गए और कुछ कुलपति के साथ अंदर चले गए। रजिस्ट्रार आफिस का दरवाजा बंद कर लिया गया। बंद कमरे में कुलपति ने ज्वाईनिंग दी।
      बताया जाता है कि कुलपति चयन के लिए तीन सदस्यीय सर्च कमेटी बनी थी। इनमें यूजीसी से प्रो0 कुलदीप चंद अग्निहोत्री, राज्य शासन से के0 सुब्रमण्यिम आईएफएस और विवि की ओर से ओम थानवी नामिनी सदस्य थे। कमेटी ने छह सदस्यीय पैनल बनाया था। पैनल में बलदेव शर्मा, जगदीश उपासने, मुकेश कुमार, लव कुमार मिश्रा, उर्मिलेश यादि के नाम थे।
आश्चर्य की बात यह है कि सर्च कमेटी के तीन में से दो  सरकार से जुड़े थे। यानी एक प्लानिंग कमीशन के मेम्बर सुब्रमण्यिम और दूसरा ओम थानवी, जिन्हें विवि कार्यपरिषद नामंकित किया था। इसके बाद भी राज्य सरकार जिन्हें नहीं चाहती थी, उनका नाम पेनल में पहले और दूसरे नम्बर पर कैसे आ गया, यह सवालों के घेरे में है?
*बुघवार बहुमाध्यम समुह