अर्णब गोस्वामी पर सीघे पलटवार से देश  की राजनीति और मीडिया  में  ह्डकम्प

अर्णब गोस्वामी पर सीघे पलटवार से देश 
की राजनीति और मीडिया  में  ह्डकम्प
               कृब्ण देव (केडी) सिंह
        रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ सकती है क्योंकि कांग्रेस ने कड़ा रूरव अपना लिया है।अर्नब गोस्वामी, उनके चैनल और ग्रुप के खिलाफ छत्तीसगढ़ ,महाराष्ट्र सहित देश के अलग -अलग थानों में गैर जमानती घाराओं में अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुई है।लम्बे अर्से से मीडिया के एक वर्ग विशेष के निशाने पर रही कांग्रेस और विशेष रूप से गाँधी परिवार को लेकर पार्टी के नेताओ द्वारा  हमलावर रूखअपनाने तथा सीधे-सीधे पलटवार करने से भारतीय राजनीति में जबरदस्त हलचल व बहुमाध्यम जगतमें हडकम्प मचा दी ह्रै। ऐसा आभास हो रहा है कि कांग्रेस अब सीधे - सीधे जबाबी कार्यवाही की मुद्रा में आने को है।
                              कांग्रेस पार्टी के विभिन्न स्तर नेताओं,पदाधिकारियों तभा कार्यकत्ताओं द्वारा अर्णब गोस्वामी के विरूद्ध देश के विभिन्न हिस्सों दो तरह की एफ आई आर दर्ज करवाया गया है।  पहली एफआईआर में कहा है कि मंगलवार को रिपब्लिक टीवी पर उसके एडिटर (संपादक) अर्नब गोस्वामी ने एक डिबेट शो “पूछता भारत” में कहा, हिन्दू संतो की हत्या कर दी जाती है और सोनिया गांधी चुप क्यों है, बहुत से मीडिया भी चुप है, भारत में 80 प्रतिशत हिन्दू है, एसे में हत्या के समय इटली वाली सोनिया चुप है, क्या अगर मौलवी या पादरी की हत्या होती तो सोनिया चुप रहती ? अभी देश में हंगामा कर देती, सोनिया गांधी उर्फ अल्थो मनिया चुप है, क्या एसे में हिन्दुओं को चुप रहना चाहिए ? तुम इटली वाली सोनिया गांधी इटली में रिपोर्ट भेजेगी कि देखो मैने महाराष्ट्र में सरकार बनाकर हिन्दू संतो की हत्या करवाई।
    एफआईआर में आगे कहा गया है कि अर्नब गोस्वामी ने पूरे देश को धर्म के अधार पर दंगा करने के लिए भडकाया. इससे पूरे देश में धार्मिक उन्माद पैदा हो गया है।हिन्दू, मुस्लिम एवं ईसाई धर्म के खिलाफ तनाव पैदा हो गया है. जहां एक तरफ देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, वहां इस तरह से नफरत कर वातावरण बनाया गया इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में तथा पूरे देश में रोष व्याप्त है। हमारी माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस के खिलाफ एसे मानहानि वाले शब्द कहे गए, वो सभी यू टियूब  चैनल में उपलब्ध है ।अत: उपरोक्त व्यक्ति के खिलाफ और चैनल के खिलाफ धारा 153,153A,153B,295A, 504 एवं 505 भादवि के तहत तुरंत अपराध दर्ज कर अर्नब गोस्वामी सहित सभी दोषियों को गिरफ्तार कर कार्यवाही की जावे।
         अपराध दर्ज
    छ्त्तीसगढ़ की राजघानी रायपुर में प्रदेश काग्रेस अध्यक्ष ब स्वास्थ मंत्री की शिकायत पर इस मामले में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी 1860 की धारा 153(A), 295(A) और 505 (2) के तहत अपराध दर्ज किया है. इन तीनों धाराओं के तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकता है।वहीं दूसरी एफआईआर राहुल गांधी के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने को लेकर की गई है. इस एफआईआर में कांग्रेस के नेताओं  ने कहा है कि रिपब्लिक टीवी पर उसके संपादक अर्नब गोस्वामी ने दिनांक 16.04.2020 को राहुल गांधी द्वारा प्रेस कान्फ्रेंस में कोरोना वायरस रोग के रोकथाम के लिए दिये गये सुझावों को गलत ढंग से पेश कर उनकी तरफ से झूठी खबर अपने चैनल में प्रसारित किया गया है. जो केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3, 4 के तहत कोविड 19 रोग की रोकथाम के लिए जारी किये गये ।केन्द्र एंव राज्य सरकार के द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किया गया है कि कोविड 19 के संदर्भ में कोई भी अफवाह या गलत समाचार प्रकाशित/प्रसारित नहीं करेगा के आदेशों का उल्लघंन है।इस मामले में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ आईपीसी की धारा 1860 की धारा 188 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है. इस धारा के तहत 1 माह की सजा या 200 रुपये जुर्माना या फिर दोनों से दंडित करने का प्रावधान है.
           भिड़े कांग्रेस-भाजपा नेता, 
  निजी चैनल के पत्रकार ने पालघर मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाए तो भाजपा सहित गैरकाग्रेस दलों के बडे नेताओं ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नही दी लेकिन  राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एडिटर्स गिल्ड से पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तो भाजपा नेता अमित मालवीय ने गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा-ऐसा नहीं चलेगा। इस मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है।  श्री गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि सोनिया गांधी पर टिप्पणी निंदनीय है। पत्रकार ने सारी सीमाएं लांघ दी हैं। मैं एडिटर्स गिल्ड से पूछना चाहता हूं कि क्या यह हमेशा पत्रकारिता की गरिमा गिराने वाला नहीं है। राजीव चंद्रशेखर को पत्रकार को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए । इस पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि पत्रकार ने सही बात कही है। मोदी की आलोचना करके पद्मश्री लेना और राज्यसभा जाना ठीक है, लेकिन जब कोई सोनिया के बारे में सच बताए तो उसे 'बर्खास्त' कर दिया जाए, ये नहीं चलेगा। 
       नारी मर्यादा को किया तार-तार
अखिल भारतीय कांगे्रस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी पर अर्णब गोस्वामी द्वारा दिये गये लाइव डिबेट में अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी की गई है, जिसकी  मध्यप्रदेश  और छत्तीसगढ़ सहित पुरे देश में  कड़े शब्दों में निंदा की जा रही है।  महाराष्ट्र एंव छ्त्तीसगढ़ में काग्रेस पार्टी के नेताओं.व मुख्य मंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में विभिन्न घाराओं में अपराघिक मुकदमा दर्ज कराया गया है।मध्य प्रदेश कांगे्रस मीडिया अध्यक्ष  जीतू पटवारी ने कहा कि ऐसे समय में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाने वाले मीडिया को भी अपनी भूमिका पहचाननी होगी और सच का साथ देना होगा, यदि हाँ में हाँ मिलाते रहे तो लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर भी एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो सकता है।श्री पटवारी ने कहा कि मैं अपने मीडिया के साथियों, संपादकों और वरिष्ठ पत्रकारों से आग्रह करता हूँ कि वे अपने विवेक से निर्णय लेकर यह सोचे और बताएं कि जिस तरह की अभद्रतापूर्ण टिप्पणियां अर्णब गोस्वामी ने कांगे्रस नेतृत्व सोनिया गांधी पर की है, क्या वह सही है? जिस परिवार, समाज या देश में नारी की इज्जत नहीं होती उसका पराभव अवश्यंभावी है।उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जी जैसी चरित्रवान भारतीय संस्कारों को वहन करने वाली भारतीय महिला पर कटाक्ष करने वाले अर्नब गोस्वामी की इस अनर्गल टिप्पणी  को पत्रकारिता कह सकते हैं? यह तो सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का कुत्सित प्रयास है।भाषा की और न ही किसी की मर्यादा का ध्यान है, उन्होंने जो अभद्रतापूर्ण टिप्पणी की हैं वह दंडनीय अपराध है। अब समय आ गया है कि नफरत फैलाने वाले एवं दूसरों के चरित्रपर उंगली उठाने वाले पत्रकारों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।उन्होने.कहा कि हमें यह भी याद रखना होगा की हमारे संविधान में बोलने की स्वतंत्रता रखने के साथ-साथ अनर्गल, अभद्रतापूर्ण, अमर्यादित बातें करने वालों,  साम्प्रदायिकता फैलाने वालों को दंडित करने का भी कानून अपने अंदर समाहित रखता है।
       पत्रकार जगत में भी अर्णव गोस्वामी की स्तरहीऩ टिप्पणी को लेकर जबदस्त प्रतिक्रिया हुई है और बहुमाघ्यमों में कार्यरत अधिसंख्य पत्रकारों ने श्री गोस्वामी की तीखी आलोचना की है।सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो क्लिप में रिपब्लिक भारत के मालिक संपादक, जिन्हें कुछ लोग बार्किंग ऐंकर भी कहते हैं, अरनब गोस्वामी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बारे में पत्रकारिता की मर्यादा को तार तार करनेवाली भाषा सुनकर अनेक पत्रकार / सम्पादक खुद को शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं।देश के जाने माने बरिष्ठ पत्रकार शेषनारायण सिंह लिखते हैं कि हम कभी कांग्रेसी नहीं रहे, एक जमाने में धुर समाजवादी और धुर कांग्रेस विरोधी भी रहे हैं। लेकिन मेरा मानना है कि अरनब ने सोनिया गांधी के रूप में न सिर्फ एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल की अध्यक्ष बल्कि भारत की बहू, भारतीय नागरिक और नारी शक्ति का अपमान किया है। एक ऐसी महिला का अपमान किया है जिसकी सास और पति ने इस देश की एकता और अखंडता के लिए शहादत दी है। लोकतंत्र में एक पत्रकार को भी किसी दल और उसके या उसकी नेता से सहमत, असहमत होने, उसकी कठोरतम आलोचना करने का अधिकार होता है लेकिन किसी के विरुद्ध गाली गलौज, और अपशब्दों के जरिए हेट स्पीच देना, निंदा अभियान चलाना पत्रकारिता नहीं है। लेकिन अरनब यह काम लगातार करते आ रहे हैं, बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासियों की जमा भीड़ और पालघर जिले में भीड़ द्वारा दो निरीह और निरपराध साधुओं और उनके ड्राइवर की नृशंस हत्या के मामले में तथ्यों से परे चीख- चिल्लाकर सांप्रदायिकता का जहर परोसना उनकी 'यूएसपी' बन गई है।
बुघवार बहुमाध्यम समुह
भोपाल।दिनांक23अप्रेल 2020,गुरुवार।