अर्णब ने नारी मर्यादा को किया तार-तार
कृष्ण देव ( केडी ) सिंह
भोपाल ,रायपुर 22 अप्रैल, 2020
अखिल भारतीय कांगे्रस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी पर अर्णब गोस्वामी द्वारा दिये गये लाइव डिबेट में अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी की गई है, जिसकी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित पुरे देश में कड़े शब्दों में निंदा की जा रही है। महाराष्ट्र एंव छ्त्तीसगढ़ में काग्रेस पार्टी के नेताओं.व मुख्य मंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में विभिन्न घाराओं में अपराघिक मुकदमा दर्ज कराया गया है।मध्य प्रदेश कांगे्रस मीडिया अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि ऐसे समय में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाने वाले मीडिया को भी अपनी भूमिका पहचाननी होगी और सच का साथ देना होगा, यदि हाँ में हाँ मिलाते रहे तो लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर भी एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो सकता है।
श्री पटवारी ने कहा कि मैं अपने मीडिया के साथियों, संपादकों और वरिष्ठ पत्रकारों से आग्रह करता हूँ कि वे अपने विवेक से निर्णय लेकर यह सोचे और बताएं कि जिस तरह की अभद्रतापूर्ण टिप्पणियां अर्णब गोस्वामी ने कांगे्रस नेतृत्व सोनिया गांधी पर की है, क्या वह सही है? जिस परिवार, समाज या देश में नारी की इज्जत नहीं होती उसका पराभव अवश्यंभावी है।उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जी जैसी चरित्रवान भारतीय संस्कारों को वहन करने वाली भारतीय महिला पर कटाक्ष करने वाले अर्नब गोस्वामी की इस अनर्गल टिप्पणी को पत्रकारिता कह सकते हैं? यह तो सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का कुत्सित प्रयास है।भाषा की और न ही किसी की मर्यादा का ध्यान है, उन्होंने जो अभद्रतापूर्ण टिप्पणी की हैं वह दंडनीय अपराध है। अब समय आ गया है कि नफरत फैलाने वाले एवं दूसरों के चरित्रपर उंगली उठाने वाले पत्रकारों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
श्री पटवारी ने कहा कि हमें यह भी याद रखना होगा की हमारे संविधान में बोलने की स्वतंत्रता रखने के साथ-साथ अनर्गल, अभद्रतापूर्ण, अमर्यादित बातें करने वालों, साम्प्रदायिकता फैलाने वालों को दंडित करने का भी कानून अपने अंदर समाहित रखता है।छत्तीसगढ़ में तो अर्णव गोस्वामी के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में एफ आई आर दर्ज कराने की होड़ लग गई है।
पत्रकार जगत में भी अर्णव गोस्वामी की स्तरहीऩ टिप्पणी को लेकर जबदस्त प्रतिक्रिया हुई है और बहुमाघ्यमों में कार्यरत पत्रकारों. अधिसंसन्य पत्रकारों ने श्री गोस्वामी की तीखी आलोचना की है।सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो क्लिप में रिपब्लिक भारत के मालिक संपादक, जिन्हें कुछ लोग बार्किंग ऐंकर भी कहते हैं, अरनब गोस्वामी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बारे में पत्रकारिता की मर्यादा को तार तार करनेवाली भाषा सुनकर अपने पत्रकार होने पर ही मुक्ष जैसे अनेक पत्रकार / सम्पादक खुद को शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं।वारिष्ठ पत्रकार शेषनारायण सिंह लिखते हैं कि हम कभी कांग्रेसी नहीं रहे, एक जमाने में धुर समाजवादी और धुर कांग्रेस विरोधी भी रहे हैं। लेकिन मेरा मानना है कि अरनब ने सोनिया गांधी के रूप में न सिर्फ एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल की अध्यक्ष बल्कि भारत की बहू, भारतीय नागरिक और नारी शक्ति का अपमान किया है। एक ऐसी महिला का अपमान किया है जिसकी सास और पति ने इस देश की एकता और अखंडता के लिए शहादत दी है।
लोकतंत्र में एक पत्रकार को भी किसी दल और उसके या उसकी नेता से सहमत, असहमत होने, उसकी कठोरतम आलोचना करने का अधिकार होता है लेकिन किसी के विरुद्ध गाली गलौज, और अपशब्दों के जरिए हेट स्पीच देना, निंदा अभियान चलाना पत्रकारिता नहीं है। लेकिन अरनब यह काम लगातार करते आ रहे हैं, बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासियों की जमा भीड़ और पालघर जिले में भीड़ द्वारा दो निरीह और निरपराध साधुओं और उनके ड्राइवर की नृशंस हत्या के मामले में तथ्यों से परे चीख- चिल्लाकर सांप्रदायिकता का जहर परोसना उनकी 'यूएसपी' बन गई है। बुधवार बहुमाध्यम समुह
अर्णब ने नारी मर्यादा को किया तार-तार