अध्यक्ष बनकर राहुल जी कांग्रेस का  नेतृत्व करे:कृब्ण देव (केड़ी) सिंह

अध्यक्ष बनकर राहुल जी कांग्रेस का
 नेतृत्व करे:कृब्ण देव (केड़ी) सिंह


           मैने पहले भी अपने आलेखों में कहा है कि देश की वर्तमान राजनीतिक,सामाजिक,आर्थिक तथा  कार्यपालिका,न्यायपालिका व संविघानिक हालातों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी में राहुल गाँधी का को३ि विकल्प नही है ।क्योंकि वे एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्हें पार्टी के सभी प्रतिवद्ध कार्यकत्ताओं का  समर्थन व भरोसा प्राप्त है।
कोरोना19 जैसे खतरनाक महामारी से जुक्ष रही विश्व व विशेष कर भारत के लिए जरूरी हो गया है कि श्री गॉधी के नेतृत्व में विपक्ष पुरी दृड़ता और एकता के सहारे वर्तमान हालातों का डटकर मुकाबला करें।स्वागतेय.खबर आ रही है कि श्री.राहुल गांधी जी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने जा रहे हैं ।प्रतिवद्ध व प्रवुद्ध कांग्रेसजनों का विश्वास है कि अगर ऐसा होता है तो कॉग्रेस नई उर्जा और उत्साह के साथ राजनैतिक मोर्चे पर आमने= सामने की मुकाबले में जीत का शंखनाद निश्चय ही करेगी।
      ऐसे वख्त में जबकि केंद्र में सत्ता पर बैठी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने देश भर के मजदूरों के साथ भयानक अमानवीय व्यवहार किया है। जब कि केंद्र सरकार ने छात्र नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेलों में डाल दिया है ।जबकि भारत की अर्थव्यवस्था बिलकुल बर्बाद कर दी गई है ।जब की न्यायपालिका,कार्यपालिका , विद्यान पालिका तथा कथित प्रजातंत्र का चौथा स्तम्भ समाचार माध्यम भी घुटने टेक चूका है और पूरा विपक्ष खामोश है ।इन हालातों में हम यह मानते हैं कि लोकतंत्र की सेहत के लिए एक सक्षम विपक्ष का होना लाजमी है ।
खबर आ रही है कि राहुल गांधी अपनी नई टीम बनायेंगे और बिहार विधान सभा चुनाव एंव मध्य प्रदेश में होने वाले 24 विधान सभा सीटों के चुनाव की बागडोर संभालेंगे ।निःसन्देह  कॉग्रेस एंव देश के लिए यह एक अच्छी खबर है ।लेकिन इस अच्छी खबर को बुरी खबर बनने से रोकने के लिए कुछ सावधानियां जरूरी है।क्योंकि हम सब जानते हैं कि बहुत सारे विभिषण अभी भी छिपे हुए बैठे हैं ।यह वह लोग हैं जो कांग्रेस को जनता के हक में फैसले लेने में रुकावट डालते हैं ।अपनी जेबें भरते हैं और मौका लगते ही कांग्रेस को लात मार कर  में कूद जाते हैं ।३नमें जातिवादी साम्प्रदायिक ,दक्षिणपंथी तथा कथित वामपंथी प्रगतिशील गुट भी है जो  अभी भी मौजूद है।
        अलबत्ता भाजपा के सत्ता में आने के बाद काफी सारे दक्षिणपंथी अपनी पसंदीदा पार्टी भाजपा में चले गये हैं लेकिन अभी भी लोग मौजूद हैं ।कुछ कथित प्रगतिशील आन्दोलन से जुड़े  हैं और उनका रट्टा रहता है कि  दक्षिणपंथी तबका उन लोगों को कम्युनिस्ट कह कर  विरोध करता है ।दक्षिण पंथ और वामपंथ की इस फर्जी संघर्ष में प्रतिवद्ध कांगेसी विचारघारा वाले निष्ठावान लोगों के साथ अन्याय ही अन्याय होता है।
        कांगेस की केन्द्र सरकार ने एनआईए का गठन किया  जिसके खिलाफ अब कुछ महीने पहले ही छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार सुप्रीम कोर्ट में गई है। क्योंकि एनआईए के मार्फत केंद्र राज्यों में पुलिस का काम कर रहा है जो कि राज्य की स्वायत्ता के खिलाफ है।हम सब जानते हैं कि कुछ लोगों  ने चुनाव में धांधली कर मंत्री रहते हुए बदनाम कम्पनियों की पैरवी की।जिसका भारी नुकसान पार्टी को चुनावों में भुगतना पड़ा।
अगर कांग्रेस को अपनी छवि सुधारनी है तो विवादास्पद और हिन्दु विरोधी चेहरों  को पार्टी का चेहरा बनाना बंद करना पड़ेगा ।क्योंकि भाजपा ऐसे मामलों का. सम्प्रदायिक रंग देने में माहिर हो चुकी है।भ्रष्टचार के आकन्ठ डुवे चेहरों और ऐसे राजनैतिक घरानों से दुरी भी कायम ररवना आवश्यक हो गया हैा 
       मुझे याद है छत्तीसगढ़ के भाजपाई मुख्यमंत्री ङा रमन सिंह का कांग्रेस में बडे समर्थक हैं।फर्जी मुठभेड़ के मामले में झूठे रमन सिंह के सुर में सुर मिलाया गया जबकि छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी उसे फर्जी बता चुकी थी और अब जांच आयोग की रिपोर्ट में यह बात साबित भी हो चुकी है ।इसके अलावा एक नुकसानदायक संस्कृति भी विकसित हो चुकी है जिसके पोषक तत्वों में कुछ इलाकेदारों' का नाम सब जानते है।ऐसे लोगों पर भी विशेष नजर रखी जानी चाहिए । जिन्हे पद तथा अवसर अन्य पिछड़ेवर्ग के प्रतिनिधी के रन्प में चिन्हित किया जाता है लेकिन वे अन्य पिछड़े वर्ग के वजाय शोषकोँ के पालक और पोषक है।दुखद  यह भी है कि अगर कोई मदद करने की कोशिश करता है तो अंगदपदघारी झट से  दरवाजा  व्यक्ति के लिए बंद कर/ करवा लेते/ देते हैं।अगर कोई. समाज/ राजनीति क्षेत्र में प्रतिष्ठित हैं तो  पहले से बैठे ३लाकेदार लोग उनकों रोकने में पूरी ताकत लगा देंगे और ऐसे ऐसे षडयंत्र रचे जावेगें ताकि उसे किसी भी तरह का अवसर ही न मिल सके ।और यदि किसी तरह मिल भी गये तो उनके विस्द्ध सुनियोजित षडयंत्र किया जावेगा।कहते है कि भाजपा में बिलकुल उल्टा है ।३स तरह की वातों का लाभ भाजपा को मिलता है। अगर कोशिश भी करे तो लोग केन्द्रीय नेतृत्व  तक ना पहुँचने देने में पूरी ताकत लगा देंगे।इसलिए जैसे ही कोई इज्जतदार व्यक्ति भाजपा की तरफ जाता है ,भाजपा उसे हाथों हाथ लेती है ।
          लोगों को लगता है कि अमुक योग्य नेता / व्यक्ति को अगर बिधानसभा / लोक सभा / राज्य सभा में.जाने का अबसर मिल गया तो हमारा / हमारे सन्तानों की राजनैतिक दुकानदारी / व्यापार का सटर बन्द हो जावेगा।इसलिए अंगदपदघारी ऐसे  बुद्धिजीवी / प्रतिवद्ध व प्रभावशाली ०याक्तित्वघारी को पार्टी के केन्दीय नेतृत्व से  जुड़ने नहीं देता है।इसी का नुकसान कांग्रेस उठा रही है और फायदा भाजपा ले रही है ।आशा की जानी चाहिए कि श्री राहुल गांधी जी की  नई टीम में ऐसे लोगों  को स्थान मिलेगा. जिनकी समाज में इज्ज़त के साथ साथ वेदाग  व निष्ठावान कांग्रेसी होने की सार्वजनिक छवि हों और जो बिना डरे केन्द्रीय नेतृत्व/ कांगेस / देशहित  अपनी बात कह सकते हों।क्योंकि चाटुकार  खुश तो कर सकते हैं लेकिन पार्ट को जिता नहीं सकते।और इस समय हम सभी लोग कांग्रेस की  जीत चाहते हैं और राहुल जी को प्रघानमंत्री की कुर्सी पर बैठे देखना चाहते हैं।
बुघवार*स्ट्राइकर