राहुल जी त्याग और समर्पण चाहते हैं

राहुल जी त्याग और समर्पण चाहते हैं
          कृब्ण देव सिंह
मैं  कृष्ण देव सिंह (के डी सिंह)राहुल गांधी जी के चार पेज के त्यागपत्र को 10 बार पढ़ चुका हूँ। इसकी print out करवा लिया है ।-राहुलजी त्याग और सर्मपण चाहते हैं।  सही बात है। अपनी बात कहूँ तभी दूसरों पर टिप्पणी करने का अधिकार है मुझे।
       मैं स्नातक अभियंता हूँ। स्वतंत्रता सेनानी का पौत्र हूँ। पिता पूर्व सैनिक व भिलाई ३स्पात संयंत्र में कार्यरत  रहे। मेरी शिक्षा भिलाई नगर तथा रायपुर में हुआ है । मैं वर्ष 1979-80 में GECT now NIT Raipur , का विधिवत निर्वाचित . छात्र संघ अध्यक्ष बना । मैं  काग्रेस  से प्रभावित हूँ, नेहरू, गाँधी ,पटेल , अम्बेडकर से प्रभावित हूँ और उनको प्यार करता हूँ। संभवतः इसका प्रमुख कारण मेरी पारिवारिक पृष्टभूमि ही है। मेरा सम्बन्ध नालन्दा (बिहार) के प्रतिष्ठित कृषक परिवार से है जो विस्थापित होकर छ्त्तीसगढ़ी हो गया है।
       कुलदीप नैयर की एक पुस्तक में वह किस्सा पढ़ा जिसमें यह लिखा था कि किस प्रकार नेहरू और उनके पिता ने 1930-31 में इलाहाबाद में अपना निवास आनंद भवन स्वतंत्रता आंदोलन के लिए देश को समर्पित कर दिया और एक नया साधारण मकान बनाकर उसमें रहने लगे। मेरी प्रेरणा का श्रोत बना । राजनैतिक क्षेत्र में सक्रिय होने की प्रेरणा मुक्षे तब और मिला जब मैं न३ि दिल्ली में पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वा. श्री धर्मवीर सिन्हा जी से मिला । वे मेरे पिताजी के वचपन के सहपाठी थे।
      मुझे लगा, मैं देश को क्या दे सकता हूँ। मैंने  छात्र. जिवन से सामाजिक तथा राजनैतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया। प्रारम्भ में मैं मार्क्सवाद से प्रभावित  होकर अखिल भारतीय छात्र फेडरेशन के माध्यम से स्थापित छात्र नेता बना तथा छात्रों और मजदुरों के संघर्ष में सक्रिय भागीदार बना ।लेकिन वर्ष 1977 में इन्दिरा जी की गिरफ्दारी तथा कम्यूनिष्ट नेताओं के आचरण व सिद्यान्त में फर्क ने रास्ता बदलने पर विवश कर दिया और मैं रायपुर के शास्त्री चौक में कांग्रेस पार्टी द्वारा इन्दिरा गांधी जी के विरोध में आयोजित आन्दोलन में भाग लेकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी। वर्ष 1978 में कांग्रेस पार्टी की विधिवत सक्रिय सदस्य बना। तब से लेकर आज तक कांग्रेस पार्टी में हूँ व अपनी क्षमता ,सामर्थ और योग्यता के अनुसार पार्टी की सेवा का रहा हूँ ।
       अभियंता होते हुए भी नौकरी करने के व जाय समाज सेवा और कांगेस के माध्यम से जनसेवा का आजीवन व्रत लिया '। । तब से कांग्रेस की सेवा कर रहा हूँ। पार्टी ने प्रदेश काग़ेस कार्यसमिति का सदस्य बना दिया जबकि  मैंने मांग नहीं की थी। प्रदेश अध्यक्ष बदलते ही मैं  फिर. से पार्टी का कियाशील सदस्य बन गया।  इन चालीस वर्षो में जहाँ भी रहा मैंने अपनी पूर्ण क्षमता से काग्रेस पार्टी के हित में काम किया है। हलांकि मेरे जिवन में घटी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं और उसका मुक्षपर पड़े प्रभावों को फिर कभी उल्लेख करूगा | पर ३तना जरूर वताना   चाहुगा कि.मुक्षे ३न 40 वर्षों में  किसी चुनाव में टिकट नहीं मिली1 किसी भी शासकीय पद पर अशासकीय सदस्य के रूप में कभी भी मेरी नियुक्ति नही की गई । कोई बात नहीं ।पार्टी से कुछ मिले अथवा न मिले , बस पार्टी के माध्यम से देश में बढ़ रही तानाशाही और दक्षिणपंथी ताकतों का विरोध जारी रखेंगे। मैं कल भी राहुलजी के साथ था , आज . भी हूँ और कल भी रहुँगा क्योंकि मेरे रगों में बहने वाला खुन भी कांग्रेसी है।
**दिनांक6जुलाई2019