<no title>वीरचंद्र पटेल जी की जयंती 

वीरचंद्र पटेल जी की जयंती 
12 मार्च  1911 से 7 दिसंबर 1966
वीरचंद्र पटेल जी के बारे में मैं कुछ कहना चाहता हूं आप  से
विख्यात स्वतंत्रता सेनानी वीरचंद पटेल जी, एक सच्चे राष्ट्रवादी समाजसेवी एवं लोकमान्य नेता थे उन्होंने विधायक एवं मंत्री के रूप में लंबे अरसे तक राज्य की सेवा की उक्त अवधि में संसदीय परंपरा की प्राप्ति प्रदर्शित उनकी प्रतिबद्धता सर्वता अनुकरणीय है
स्वतंत्रता संग्राम में श्री पटेल जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद लगभग 20 वर्षों तक बिहार विधानसभा के सदस्य और बिहार विधानसभा के यशस्वी मंत्री के रूप में बिहार की जनता के जीवन के सममूल्य और बिहार प्रदेश के सरवानिया विकास में उनकी विशिष्ट भूमिका रही उन्होंने बिहार के पिछड़ी जातियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए निरंतर संघर्ष किया और उनके विश्वसनीय सफल बने
पटेल जी इंसानियत और सादगी के प्रतीक होने के साथ-साथ हुए जितने मधुर भाषी थे उतनी उदार और कोमल हृदय के थे जाति को उन्होंने राजनीतिक आधार या माध्यम नहीं बनाया इस प्रकार की प्रवृत्ति के उनको घोर विरोधी थे समाज के हर वर्ग और हर तबके के लोगों की सहभागिता ना कि कुछ खास भर के लोगों को बहुमत भगवान बुद्ध ने अपने प्रथम संदेश में कहा  था वसुधा आधी आधी लोगों का हित हो आधा अधिक लोगों का कल्याण हो या पावन संदेश समय-समय पर संतों एवं महापुरुषों द्वारा दिया जाता रहा उनकी राजनीतिक मर्यादा भी बेजोड़ थी विरोधी नेता की भी वह सेवा करने में पीछे नहीं रहते थे स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर और स्वर्गीय रामानंद तिवारी को प्रदर्शन के समय जब चोट आई तो पटेल साहब ने इन दोनों नेताओं के फ्लैट में जाकर सेवा की गर्म पानी से उनका गांव से का ऐसा संस्कार कहां मिलता है अब भारतीय लोकतंत्र में पैगंबर का नाम गांधी है पीर का नाम पंडित नेहरू है और फकीर का नाम सरदार पटेल है तो इन तीनों के संगम का नाम
"  वीरचंद्र पटेल "
फिर से भारत की धरती पर वीरचंद्र का हो अवतार, जिससे हो पाए स्वदेश एवं बिहार का भी उद्धार ,
वीरचंद्र था मनुज नहीं ,वह तो कोई भगवान था ,
वह तो भारत माता के सचमुच सच्ची संतान था 
                     जय हिं