बिहार और बिहारियों व छ्त्तीसगढ़ तभा
छत्तीसगढ़यों को प्रणाम/ सलाम !
*स्ट्राइकर
गरीब बिहार के बेहतरीन आपदा प्रबंधन की झलक .देखने को मिल रही है ।मन प्रसन्नजित है।मेरे पैतृक जिला=नालन्दा (बिहार) के मुख्यालय बिहार शरीफ रेल्वे स्टेशन पर कोटा में पढ़नेवाले युवक'/ युवतियों तभा प्रवाशी मजदूरों का साही अन्दाज में स्वागत व सानदार व्यवस्था से जुड़ी विडयो भी देखा।गॉव के लोगों से वातचीत की ।सच कहता हूँ अत्मगौरव का क्षण है। पुरा देश अपने ही स्वजनों को उनको मूल राज्यो में घुसने के लिये पुलिस की प्रताडना / अमानवीय पीढ़ा से ग्रसित कर मानवता को लहुलुहानकर रहा ह्रै।
लेकिन घन्य है मेरे पुरखों का गरीब देश व अमीर राज्य के गरीब लोग,मेरी जन्म ब कर्मभूमि छ्त्तीसगढ़, जहाँ की सरकारे पलक पावड़े विछाये हुए है।छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश वघेल औरबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वंम कोरोना-19के विस्द्ध अपनी सानदार प्रबंघन.क्षमता का परिचय दे रहे हैं।आश्चर्यजनक स्प से श्री कुमार के नेतृत्व में बिहार एक वार फिर उठ खड़ा होने को है और उसे हिकारत से देखने बालों को नजरे चुराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।बिहार और बिहारियों तथा छत्तीसगढ़ व छत्तीसगढ़ियों के हिकारत से देखने वालों की सभ्यता/ संस्कृति तभा संस्कार का असली खुलासा/ परिचय हो गया है। किस नायक / नेता/ उद्योगपति/ पूंजीपति /व्यापारी/ अधिकारी तभा राजनैतिक दलो का कैसा संस्कार है,इसका भी खुलासा कोरोना-19 वाखुबी कर दिया है।
देखना दिलचस्प होगा कि प्रकृति की चारों प्रकोपों और गर्मी,बरसात,शीत लहर जैसे आपदाओं को मात देकर उठ खड़ा होने वाले जीबट/ कर्मठ बिहारी योद्धा कोरोना को कितनी जल्दी मात देने मे सफल होगा।फिलहाल तो मेरा मन को बिहार और बिहारियों तथा छ्त्तीसगढ़ एंव छ्त्तीसगढ़यों के हौसले और हिम्मत को सलाम/प्रणाम करने का जी कर रहा हैं।
बिहार में14 मई तक प्रवासियों को लेकर पहुंची ट्रेनें -- 195
15 मई को आने वाली ट्रेनें -- 36
16 मई को आने वाली ट्रेनें -- 40
15मईको प्रवासियों के लिए तीन पैसेंजर ट्रेनें कैमूर स्टेशन ( यूपी सीमा ) से क्रमशः मुजफ्फरपुर , अररिया और कटिहार के लिए चलाई गई । बिहार इस मामले में पहला राज्य बना ।
कुल 531 प्रखंडों में 5162 क्वरंटाईन केंद्रों पर दो लाख सत्तर हजार से अधिक प्रवासियों की देख रेख की जा रही है ।जय बिहार,जय छ्त्तीसगढ़ ,जय हिन्द !
कृब्ण देव(केड़ी) सिंह