हाशिए पर पड़े हुए रमन सिंह की राजनीतिक छटपटाहट

हाशिए पर पड़े हुए रमन सिंह की राजनीतिक छटपटाहट
          कृब्ण देव सिंह
      रायपुर/24फरवरी2020। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमनसिंह जी देश और प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर है ।उनकी छटपटाहट वेवजह नहीं है। भाजपा विघानसभा चुनाव छत्तीसगढ़ मेंबहुत ही बुरी तरह हारी हैजिसका ठिकरा उन्हीं के शिर पर बंधा है।लेकिन दिल्ली में भी भाजपा की करारी हार तथा इस हार से भाजपा और संघ को हुये यह अहसास कि अकेले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा.एंव गृह मंत्री अमित शाह की रणनीतिसे सभी चुनाव नहीं जीते जा सकते से क्षत्रतों को मुख्यघारा में वापसी की आश बंधी है।
       दिल्ली विधानसभा चुनाव के वाद ऐसा लग रहा है कि राज्यों में भी प्रादेशिक क्षत्रपों से मुकावला करने के लिए  भाजपा को  लोकप्रिय और प्रभावशाली चेहरों की जरूरत है।ऐसा ही सबक भाजपा ने क्षारखण्ड मे अपनी चुनावी हार से सीखा है।इसलिए पार्टी ने वहा अपने पुराने स्वमसेवकऔर राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मराड़ी की घर वापसीकराई है। खुद केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रॉची में भव्य कार्यक्रम में मरांड़ी को भाजपा में शामिल कराया।इसी रणनीति के तहत भाजपा मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ यादि राज्यों में भी क्षेत्रिय क्षत्रपों को आगे करने की राजनीतिक पहल ने सर्वश्री शिवराज सिंह चौहान,डा० रमन सिंह,बृजमोहन अग़वाल जैसे नेताओं को भाजपा द्वारा नई- नई जिम्मेदारी सौपने की संभावना बनी है | लोकिन लाख टके की वात यह कि डा० रमन सिंह छत्तीसगढ़ मे भाजपा में प्राणवायु फुक सकेगें ?क्योकि उनके 15 वर्ष के मुख्य मत्रीत्व काल को लेकर दर्जनों किन्तु परन्तु लग चुका है जिसका असर उनके राजनैतिक और सामाजिक आर्कषण पर भी जबरदस्त पड़ा है।
      इघर  डा० रमन सिंह के गत दिनों दिये एक  बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के  ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में हुई जबरदस्त हार के बाद रमन सिंह की भाजपा के अंदर पूछ परख पूरी तरीके से बंद हो गई है। विधानसभा चुनाव की हार के बाद दंतेवाड़ा उपचुनाव और चित्रकूट उपचुनाव में भी भाजपा की हार हुई है। नगरी निकाय चुनाव में 10 में 10 नगर निगमों में कांग्रेस के महापौर और सभापति निर्वाचित हुए हैं। 27 में से 22 जिला पंचायतों में कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्य चुन कर आए हैं। इसे देखते हुए डॉ. रमन सिंह अब बौखलाहट में जो बयान बाजी कर रहे हैं, उसका कोई अर्थ नहीं रह गया है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश की जनता भी भली भांति जान रही है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की दुर्गति के लिये कोई जिम्मेदार है तो वह है रमन सिंह और उनके कार्यकाल के भ्रष्ट 15 साल रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल के 15 साल का हर पन्ना नये-नये भ्रष्टाचारों से भरा पड़ा है। पूरे 15 साल तक संस्थागत भ्रष्टचार किया गया। सरकारी दफ्तर में फर्जी एनजीओ के नाम से 1000 करोड़ के भ्रष्टाचार के पूरी सरकारी मशीनरी लिप्त थी। नान घोटाले में पूरी की पूरी सरकार शामिल थी।


       प्रदेश कांग्रेस की जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर रमन सिंह की पूछ परख समाप्त हो गई है और दिल्ली विधानसभा चुनाव झारखंड विधानसभा चुनाव और उसके पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में रमन सिंह जी को स्टार प्रचारक बनाने लायक भी भाजपा ने नहीं समझा। रमन सिंह जी राजनीति में और भाजपा में भी हाशिए पर है। 
केन्द्र में जो दिल्ली में बैठक हुयी उस बैठक को लेकर डॉ. रमन सिंह को पीड़ा होना स्वभाविक है। रमन सिंह जी को तो महाराष्ट्र, दिल्ली, झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी ने न स्टार प्रचारक बनाया और न ही प्रचार के लिये बुलाया।  छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार के कार्य की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है और छत्तीसगढ़ मॉडल की आज देश भर में चर्चा हो रही है। बड़े-बड़े अर्थशास्त्री छत्तीसगढ़ मॉडल पर आज बात कर रहें है तो रमन सिंह को पीड़ा होना स्वाभाविक है। इसी बौखलाहट के चलते रमन सिंह ने  बयान दिया है। रमन सिंह के इस बयान में केवल और केवल छत्तीसगढ़ सरकार के कामों के तारीफ होने के कारण हो रही पीड़ा और बौखलाहट छलक रही है।
*बुधवार बहुमाध्यम तंत्र