आयकर छापे से सहमी नौकरशाही और  सत्ता के वहुचर्चित लाभार्थी  रसुखदार

आयकर छापे से सहमी नौकरशाही और 
सत्ता के वहुचर्चित लाभार्थी  रसुखदार


        बुघवार*स्ट्राइकर
रायपुर १मार्च२०१९।छ्त्तीसगढ़ की राजनीतिक ,प्रशासनिक तभा सत्ता के वहुचर्चित लाभार्थियों में आयकर विभाग की केन्द्रीय टीम द्वारा मारे जा रहे कबडतोड़ छापों और  बरामदगी से ,भय व्याप्त होने लगा है तो सत्ताघारी दल और नौकरसाहों कें एक बडे वर्ग के लोगों की मुस्कुराहट खुशी का इजहार कर रही है।ऐसे लोगों की कमी नहीं हैं जो रोज सच = क्षुठ खबरों की पुड़िया छोड़ रहे है लेकिन इन सब से इतर इतना तय है कि छापों के समापन के वाद निकलने सत्य / असत्य तथ्यों के आघार पर प्रदेश में बडे पैमाने पर राजनीतिक तभा प्रशासनिक बवाल की संभावना दिनोंदिन बढ़ रही है जिसका असर राब्ट्रीय स्तर पर हुए बिना नही रह सकता है ।
.  आईटी टीम छापे का जिस तरह दायरा बढ़ाते जा रही है, उससे ब्यूराक्रेसी भी सहम गई है। अफसरों को भय सता रहा न जाने आईटी टीम कौन-सी कड़ी हाथ लग जाए और उसे जोड़ते हुए उनके दरवाजे पर धमक जाए। दरअसल, राज्य बनने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि आईटी का छापा पूर्व मुख्य सचिव तक पहुंच गया है। अभी तक तक नौकरशाही में सचिव स्तर के अधिकारी तक आयकर विभाग का रेड हुआ था। आईएएस बीएल अग्रवाल के ठिकानों पर आईटी का छापा पड़ा था। उनके यहां भी उसी दिन आईटी अफसरों ने ब्रीफिंग कर दी थी। इस बार तो तीसरा दिन निकल गया, कुछ पता नहीं चल पा रहा। बहरहाल, बीएल के यहां छापे के करीब दशक भर बाद आईटी ने इस तरह की कार्रवाई की है
           सरकारी दफ्तरों में काम ठप
      हाईप्रोफाइल आईटी छापे के बाद पिछले तीन दिन से सरकारी कार्यालयों में कामकाज एकदम से ठहर गया है। मंत्रालय सहित सभी दफ्तरो में अफसरों के कमरों में सिर्फ एक ही चर्चा है।छापा क्यों पड़ा?.आगे होगा क्या?और कौन-कौन लपेटे में आ सकते हैं?.क्या ये बदलापुर है?जब तक आईटी डिपार्टमेंट छापे के ब्यौरा का खुलासा नहीं करेगा, तब तक राज्य में यही स्थिति रहने वाली।
आईटी अधिकारी आज अथवा कल रेड का खुलासा कर सकते हैं। खबर है, रायपुर या दिल्ली में इंकम टैक्स अधिकारी  प्रेस कांफ्रेंस करें। वैसे भी इंकम टैक्स रेड प्रोटोकॉल के अनुसार आईटी टीम को 72 घंटे के अंदर में छापे का ब्यौरा देना पड़ता है। इसको देखते संकेत है,आईटी अधिकारी पत्रकार वार्ता करेंगे।


अजय सिंह की विदाई
छत्तीसगढ़ के सबसे सीनियर आईएएस अधिकारी एवं राज्य योजना आयोग के वाइस चेयरमैन अजय सिंह 37 बरस की सर्विस के बाद रिटायर हो गए। हालांकि, उन्हें योजना आयोग में ही संविदा पोस्टिंग देने के चर्चा थी। लेकिन, राज्य में परिस्थितियां कुछ ऐसी बन गई, वे न तो उपर में कुछ बोल सकें और न उनके लिए कोई बात कर पाया। सूत्रों का कहना है, सरकार उन्हें संविदा पोस्टिंग देने के लिए तैयार थी। अगर इंकम टैक्स का एपीसोड नहीं हुआ होता तो आदेश निकल भी जाता। लेकिन, अब क्या होगा, कोई इसका दावा नहीं कर सकता। क्योंकि रिटायरमेंट के बाद तो सीएम हाउस में इंट्री के लिए भी मशक्कत करनी पड़ती है।


 
छप्पड़ फाड़ के
ठीक ही कहते हैं, उपर वाला देता हैं तो.। 2009 बैच के आईएएस अफसर समीर विश्नोई का एक वो भी वक्त था कि कोंडागांव कलेक्टर से हटाकर पिछली सरकार ने उन्हें निर्वाचन में डंप कर दिया था। नई सरकार भी लगभग उन्हें भूल ही गई थी। मगर समीर का वक्त बदला। पिछले महीने उन्हें चिप्स का सीईओ बनाया गया। और, आज उन्हें डायरेक्टर माईनिंग के साथ ही, माईनिंग कारपोरेशन के एमडी की पोस्टिंग मिल गई।  इस पद पर अभी 2013 बैच के आईएएस अजीत बसंत पदस्त थे। उनके बैच का कलेक्टर बनने का खाता भी अभी नहीं खुला है। इतना कनिष्ट अघिकारी माईनिंग कारपोरेशन का कभी प्रबंध निदेशक रहा नहीं। सरकार ने उन्हें अतिरिक्त कलेक्टर बनाकर नया जिला पेंड्रा रवाना कर दिया है।  कारपोरेशन की कमान सीनियर अफसर को मिल गई है।


जुनेजा को वेट
आईपीएस अशोक जुनेजा के लिए अच्छी खबर है कि भारत सरकार ने डीजी के तीसरे पद के लिए कंफारमेशन दे दिया है। जुनेजा इस पद के प्रबल दावेदार है। लेकिन, उन्हें अभी कुछ और दिन इंतजार करने पड़ सकते हैं। क्योंकि, विधानसभा में हुई डीपीसी में उन्हें डीजी बनाने के नाम पर अड़चन आ गई। दरअसल, मुकेश गुप्ता सस्पेंड हुए हैं रिटायर नहीं।  हालांकि, पहले ऐसे कई उदाहरण हैं कि अधिकारी दिल्ली डेपुटेशन पर रहे हैं तब भी प्रमोशन हो गया है। बहरहाल, जुनेजा मामले में सरकार को वीटो लगाना पड़ेगा, तब ही उनका प्रमोशन हो पाएगा। लेकिन ऐसा प्रतीत होता नहीं कि जल्दी कुछ हो पाएगा।
         अंत में सवाल
१.छ्त्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यसचिव विवेक दांड से जुडे  किन = किन नौकरशाहों तथा ताभार्थियों के चेहरे पर हवाइंया उड़ रही है और क्यों? 
२*वर्तमान मुरन्य र्साचव आर पी मंडल के खेमें में क्या प्रतिक्रिया है?
३.राज्य सभा में जाने की मंशा ररवने वालों पर क्या प्रभाव पड़ा?
४.सत्ताघारियों में किस _ किस के चेहरे तनावमय हैं और किस = किस के चेहरे पर कुटिल मुस्कान?
बुघवार बहुमाध्यम तंत्र